divitarot love | डिवीतरोत लव क्या होता है हिन्दी में अर्थ जानिए |
January 15, 2021
divitarot love (डिवीतरोत लव क्या होता है हिन्दी में अर्थ)
डिवीतरोत लव क्या होता है:-डिवीतरोत लव यह शब्द इंग्लिश भाषा के दो शब्द हैं और इन शब्दों के माध्यम से प्रेम को संबोधन किया जाता है और इनका इस्तेमाल प्रेमी और प्रेमिका के एक दूसरे के प्रति सच्चा प्रेम होना पवित्र प्रेम होना दिव्य प्रेम होना और इंग्लिश में इसे डिवीतरोत लव बोला जाता है यह दो शब्द ज्यादा विदेशों में प्रेमी और प्रेमिका के एक दूसरे के प्रति सच्चे प्रेम को देखते हुए।
यह शब्द डिवीतरोत लव बोला जाता है इसीलिए इस शब्द का प्रयोग किया जाता है इस शब्द का अर्थ सच्चे और पवित्र दिव्य प्रेम यह होता है और यह दिव्य प्रेम आजकल करोड़ों में से कोई प्रेमी और प्रेमिका एक दूसरे को करते हैं और यह दिव्य प्रेम किस्मत वालों को ही मिलता है जिनकी किस्मत होती है उनको यह प्रेम प्राप्त होता है।
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डिवीतरोत लव का हिन्दी में अर्थ(divitarot love):-डिवीतरोत लव यह अंग्रेजी या इंग्लिश भाषा का दो शब्द है जिनका अगर हम हिंदी में अनुवाद या अर्थ निकालते हैं तो इन 2 शब्दों डिवीतरोत का अर्थ होता है दिव्य और लव का हिंदी में अर्थ होता है प्यार जिससे डिवीतरोत लव का हिंदी में अर्थ हुआ दिव्य प्रेम यह प्रेम बेहद सच्चा और अनमोल और सबसे ज्यादा पवित्र सच्चा प्रेम होता है।
आजकल दुनिया में दिव्य प्रेम प्रेमी और प्रेमिका के बीच एक दूसरे के प्रति दिव्य प्रेम बहुत कम देखने को मिलता है बहुत कम ऐसे प्रेमी और प्रेमिका होते हैं जो एक दूसरे को दिव्य प्रेम करते हैं यह प्रेम किस्मत वालों को ही प्राप्त होता है हर किसी को यह दिव्य प्रेम नहीं मिलता है इसीलिए यह प्रेम दुनिया में बहुत कम ऐसे लोग हैं जो एक दूसरे को दिव्य प्रेम करते हैं।
दिव्य प्रेम क्या है:-दिव्य प्रेम की अगर हम बात करें तो हम आपको बता दिए दिव्य प्रेम एक ऐसा प्रेम होता है जो मतलब स्वार्थ दिल की इच्छा दिमाग के मतलब इन सबसे अलग और पवित्र और अनमोल होता है दिव्य प्रेम को कभी भी पैसों से खरीदा नहीं जा सकता है दिव्य प्रेम अनमोल और पवित्र रिश्ता होता है दिव्य प्रेम वह होता है जो प्रेमी और प्रेमिका एक दूसरे के प्रति बिना किसी मतलब।
बिना किसी स्वार्थ के बिना कोई निजी स्वार्थ के बिना किसी इच्छा के बिना किसी उम्मीद के और बिना अपने बारे में सोचें जो प्रेमी और प्रेमिका दोनों के बीच सच्चे से भी सच्ची प्यार की भावना एक दूसरे के प्रति उत्पन्न होती है अर्थात प्यार होता है वही दिव्य प्रेम कहलाता है जिसमें बिना किसी मतलब बिना किसी स्वार्थ के बिना कोई इच्छा और बिना कोई इशा रखें जो सच्चा प्यार होता है वही दिव्य प्रेम होता है।
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दिव्य प्रेम कैसे जाने:-आजकल दुनिया में हर कोई किसी ना किसी एक से प्यार दिल से सच्चा जरूर करता है वह इंसान जिस से सच्चा प्यार होता है तो अगर वह इंसान जिससे आपको सच्चा प्यार हुआ है वह आप पर खुद से ज्यादा विश्वास करता है वह अपनी फिक्र किए बिना आपकी सबसे ज्यादा फिक्र करता है आपकी हर एक बात बिना बोले समझ आता है अगर आप उससे गुस्से भी हो जाए तब भी बिना गलती के वह माफी मांगता है या आपको कभी भी अकेला महसूस नहीं होने देता है हर एक मुसीबत में आपका सच्चे दिल से साथ देता है।
सबका साथ छोड़ देने के बाद भी वह आपका साथ कभी नहीं छोड़ता है आपके साथ में रहता है वह आपसे कभी भी मुकाबला नहीं करता कि अगर यही मुझसे बात करेगा तो मैं बात करूंगी अगर वह आपका मैसेज आए बिना ही आपको मैसेज या फ़ोन करती है तो आप जान ले कि यह उसका आपके प्रति दिव्य और बेहद सच्चा प्रेम आप से करती है यही दिव्य प्रेम है दुनिया में दिव्य प्रेम करने वाला या करने वाली बहुत किस्मत से और बहुत मुश्किल से मिलता है अगर मिले तो दिव्य प्रेम करने वाले की कद्र जरूर करना।
दिव्य प्रेम प्रेमी और प्रेमिका मै:-दुनिया में प्रेमी और प्रेमिका एक दूसरे के प्रति सच्चा प्यार करते हैं लेकिन ऐसे बहुत कम प्रेमी और प्रेमिका है जो एक दूसरे को दिव्य प्रेम करते हैं क्योंकि आजकल लोग प्रेम नहीं बल्कि अपना मतलब निकालने के प्रेम करने का नाटक करके अपना निजी स्वार्थ पूरा करते हैं ऐसे प्रेमी या प्रेमिकाओं से बचना चाहिए जो आपसे अपना निजी स्वार्थ पूरा करने के लिए प्यार करने का झूठा नाटक करते हैं प्रेमी और प्रेमिका मैं आजकल बहुत कम देखने को मिलता है।
लेकिन दिव्य प्रेम वह प्रेमी और प्रेमिका एक दूसरे को करते हैं जो एक दूसरे को बिना किसी मतलब के बिना किसी निजी स्वार्थ के और बिना कोई दिल में मतलब की इच्छाओं को रखें एक दूसरे को सिर्फ दिल से सच्चा प्यार करते हैं और एक दूसरे को खुद से ज्यादा विश्वास करते हैं जब दुनिया उनके खिलाफ होती है तब भी वह एक दूसरे का साथ कभी भी नहीं छोड़ते हैं हर एक सुख दुख में हर एक मुसीबत में एक दूसरे का साथ कभी भी नहीं छोड़ते हैं यह प्रेमी और प्रेमिका कहा एक दूसरे के प्रति बेहद सच्चा पवित्र और अनमोल दिव्य प्रेम का एक दूसरे के प्रति प्यार का रिश्ता होता है।
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