difference between love and attraction | प्यार और आकर्षण के बीच अंतर जानिए |
difference between love and attraction ( प्यार और आकर्षण के बीच अंतर )
प्यार क्या है:-प्यार पवित्र और अनमोल है जिसको दुनिया में बड़े से बड़ा अमीर व्यक्ति तक नहीं खरीद सकता है प्यार को कभी भी जबरदस्ती पता नहीं किया जा सकता है प्यार कभी भी सूरत और खूबसूरती से नहीं होता है प्यार तो हुआ है जो सच्चे दिल की सच्ची भावनाओं से उत्पन्न होता है और यह भावनाएं जिंदगी में किसी एक प्रश्न के लिए जागृत होती है क्योंकि सच्चा प्यार जिंदगी में एक बार ही होता है।
बार-बार नहीं और यह दिल की सच्ची भावनाएं कभी भी बता कर किसी के प्रति प्रेम उत्पन्न नहीं करती है बल्कि जब प्यार होना होता है तब हो जाता है प्यार बिना किसी मतलब के बिना किसी अपने निजी स्वार्थ के लिए होता है प्यार दिल की वह भावनाएं हैं जो एक दिल से दूसरे दिल में पहुंचती है इसी को प्यार कहते हैं।
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आकर्षण क्या होता है:-आकर्षण वह होता है किसी खूबसूरत वस्तु जहां किसी अच्छी खूबसूरती वाले पर्सन की तरफ एकदम से उसकी खूबसूरती पर मोहित हो जाना और खूबसूरती पर खींचे हुए जाना और जब किसी अच्छी और खूबसूरत दिखने वाली वस्तु या पर्सन को देखकर उस वस्तु और पर्सन के प्रति आकर्षित होना अर्थात उस खूबसूरत पर्सन को देखकर उसकी तरफ खींचे हुए होना।
ही आकर्षण होता है इसमें किसी को सूरत वस्तु या किसी खूबसूरत व्यक्ति को देखकर उसकी खूबसूरती की तरफ आकर्षित होना अर्थात खींचे हुए होना ही आकर्षण होता है आकर्षण हमेशा खूबसूरत वस्तुएं और खूबसूरत व्यक्तियों की तरफ ही होता है हर कोई खूबसूरत वस्तु को देखकर उसको पाने की चाह में मोहित अर्थात आकर्षित हो जाता है।
प्यार और आकर्षण के बीच अंतर(difference between love and attraction):-प्यार और आकर्षण के बीच बहुत ज्यादा अंतर है क्योंकि प्यार सच्चे दिल के सच्ची गहरी भावना से उत्पन्न होता है प्यार हमेशा बिना किसी मतलब के और बिना किसी अपने स्वार्थ के होता है प्यार कभी भी चेहरे की खूबसूरती से नहीं होता बल्कि प्यार तो सच्चा दिल और उसकी सच्ची एक दूसरे के प्रति प्यार की भावना से होता है।
आकर्षण तो हमेशा खूबसूरती पर ही मोहित होता है आकर्षण कभी भी दिल ना उसकी भावनाओं से नहीं होता है बल्कि आकर्षण तो चेहरे की खूबसूरती से ही उत्पन्न होता है आकर्षण हमेशा चेहरे की खूबसूरती देखता है और चेहरे पर ही मोहित होता है ना कि दिल पर इसीलिए प्यार सच्चे दिल से सच्ची भावनाओं से होता है परंतु आकर्षण तो चेहरे की खूबसूरती को देखकर ही उत्पन्न होता है।
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आकर्षण क्यों होता है:-आकर्षण ज्यादा खूबसूरत वस्तु या किसी बेहद खूबसूरत व्यक्ति के प्रति देखने को मिलता है आकर्षण इसलिए भी होता है जब हमें अपनी उम्मीद से बेहद खूबसूरत कोई वस्तु हो सकती हैं यहां कोई खूबसूरत इंसान हो सकता है यह खूबसूरत घूमने फिरने की जगह हो सकती है उसे देख कर हमें उसके प्रति खींच का अनुभव महसूस होता है।
जिसकी खूबसूरती को हम निहारते रहते हैं इसी खींच के अनुभव को ही आकर्षण कहा जाता है यह किस का अनुभव हमें किसी भी बेहद खूबसूरत वस्तु या खूबसूरत जगह को देखकर ही इस खींच को अनुभव करते हैं आकर्षण हमेशा बेहद खूबसूरती को देखकर उस पर मोहित होता है आकर्षण खूबसूरती से ही उत्पन्न या पैदा होता है।
प्यार और आकर्षण मै सच्चा प्यार:-प्यार हृदय की सच्ची भावनाओं से पैदा होता है और दिल की यह भावनाएं सच्चे और गहरी होती है और सच्चा प्यार हमेशा दिल से दिल की सच्ची भावनाओं से होता है प्यार में भी प्रेमी और प्रेमिका के बीच दिल से दिल का सच्चा प्रेम रिश्ता होता है जो चेहरे की खूबसूरती से नहीं बल्कि एक दूसरे के सच्चे दिल में बसी एक दूसरे के लिए प्यार की भावनाओं का होता है जो सच्चा प्रेम अर्थात सच्चा प्यार होता है।
और आकर्षण हमेशा बेहद खूबसूरत वस्तुओं यहां बेहद खूबसूरत व्यक्ति को देखकर मोहित अर्थात आकर्षित होता है और खूबसूरत इंसान हमेशा नहीं रहता और खूबसूरती जब खत्म हो जाती है तब आकर्षण भी खत्म हो जाता है और सच्चा प्यार दिल से दिल और सच्चे प्यार की एक दूसरे के प्रति भावनाओं से होता है मैं भावनाएं दिल की कभी भी खत्म नहीं होती है दिल का सच्चा प्यार हमेशा पढ़ता ही रहता है।
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