COMPUTER VIRUS क्या होता हैं?VIRUS का फुल फॉर्म क्या होता हैं?virus full form | virus full form in hindi
June 26, 2021
VIRUS का फुल फॉर्म क्या होता हैं जानें?
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virus full form क्या होता हैं?
दोस्तों बहुत-बहुत स्वागत है आपका हमारी एक और नई शानदार और इंटरेस्टिंग पोस्ट में दोस्तों आप कंप्यूटर इस्तेमाल जरूर करते होंगे और आपने कंप्यूटर VIRUS के बारे में भी जरूर सुना होगा परंतु क्या आप जानते हैं यह कंप्यूटर वायरस क्या होता है अर्थात कंप्यूटर में वायरस कंप्यूटर को खराब कर देता है इसके बारे में हम आगे चर्चा करेंगे।
और इसके अतिरिक्त क्या आप जानते हैं VIRUS का full form क्या होता है और इसके अतिरिक्त वायरस को हिंदी को इंग्लिश भाषा में क्या कहा जाता है अपने कंप्यूटर लैपटॉप को वायरस से कैसे बचाया जाता है यदि आप नहीं जानते हैं तो घबराए नहीं आज की इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको वायरस क्या है।
वायरस कितने प्रकार के होते हैं और इन VIRUS से अपने कंप्यूटर और लैपटॉप को कैसे बचाया जा सकता इन सभी के बारे में हम आपको बताने वाले हैं आज की पोस्ट को पूरा पढ़ने के बाद आपको VIRUS के विषय के बारे में सारी उपरोक्त जानकारी प्राप्त हो जाएगी तो कृपया पोस्ट पर शुरू से लेकर अंत तक बने रहे तो चलिए बिना किसी देरी की आज की पोस्ट को शुरू करते हैं।
कंप्यूटर वायरस क्या हैं | what virus in computer?
VIRUS यह एक तरह का कोडिंग प्रोग्राम होता है वायरस का पूरा नाम | Vital Information Resources Under Seize | होता है और वायरस को हिंदी में [ जब्त के तहत महत्वपूर्ण सूचना संसाधन ] कहा जाता है।
और वायरस यह इंसानों के द्वारा ही कंप्यूटर का डाटा चोरी करने के लिए और कंप्यूटर को पूरी तरह से खराब करने के कारणों से वायरस बनाया जाता है अर्थात इंसान कंप्यूटर में इंफॉर्मेशन को चोरी करने और कंप्यूटर को पूरी तरह खराब करने के मकसद से ही वायरस बनाते हैं।
वायरस कंप्यूटर में बिना अनुमति के कार्य करता है और वायरस धीरे-धीरे करके कंप्यूटर में पूरी तरह से अपना कब्जा कर लेता है कंप्यूटर VIRUS यह बायोलॉजिकल वायरस की तरह ही होता है जैसे बायोलॉजिकल वायरस [ HIV AIDS. Biological Virus ] इंसान के शरीर पर अटैक कर व्यक्ति के शरीर में फैलते चले जाते हैं।
और व्यक्ति के तंदुरुस्त सेल्स को नष्ट करते हैं वैसे ही कंप्यूटर वायरस होता है यह वायरस कंप्यूटर में अटैक करता है और कंप्यूटर में अपनी कॉपी बना बना कर फैलता चला जाता है और कंप्यूटर की महत्वपूर्ण फाइल्स जैसे कंप्यूटर हार्ड ड्राइव ऑपरेटिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर को पुरी तरह से खराब कर देता है।
वायरस यह इंसान के द्वारा ही बनाया गया है इंसान दूसरे व्यक्ति के इंफॉर्मेशन या डाटा चोरी करने के लिए और या उसके कंप्यूटर को खराब करने के लिए वायरस का इस्तेमाल करते हैं COMPUTER में वायरस आ जाने से कंप्यूटर पूरी तरह से धीरे धीरे कर काम करना बंद कर देता है।
और बायोलॉजिकल वायरस कुदरत या प्रकृति से उत्पन्न हुआ है जबकि कंप्यूटर वायरस इंसानों के द्वारा बनाए गए हैं जो कंप्यूटरों को खराब करने का कार्य करते हैं।
VIRUS का फुल फॉर्म क्या होता हैं | full form of virus?
VIRUS का फुल फॉर्म | Vital Information Resources Under Seize | होता है और अधिक सरल तकनीकी शब्दों में यह कंप्यूटर VIRUS एक प्रकार का दुर्भावनापूर्ण कोड या प्रोग्राम होता है और वह की जिसे कंप्यूटर के संचालन के तरीके को बदलने के लिए बनाया जाता है।
वह और इसे एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में फैलाने के लिए डिज़ाइन किया गया होता है और बता दे की यह एक वायरस एक वैध प्रोग्राम है या दस्तावेज़ में खुद को डालने या संलग्न करके संचालित होता है और वह जो मैक्रोज़ का भी समर्थन करता है और वह ताकि इसके कोड को निष्पादित किया जा सके।
यह वायरस कंप्यूटर मैं फेल कर कंप्यूटर का डाटा चोरी कर जिसने वायरस बनाया है उसको चोरी किया डाटा सेंड कर देता है और कंप्यूटर को पूरी तरह से खराब कर देता है कंप्यूटर में वायरस आ जाने से कंप्यूटर धीरे-धीरे काम करना बंद कर देता है।
COMPUTER में पहला VIRUS किसने बनाया था | Who creates viruses in computers?
कंप्यूटर में सबसे पहले वायरस का नाम [ ब्रेन बूट सेक्टर वायरस ] है और बता दे की यह (Brain Boot Sector Virus) पहला पीसी वायरस ने सन1986 में 5.2″ की फ्लॉपी डिस्क को virus संक्रमित करना शुरू किया था।
और वह एक सिक्योरलिस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक वह वायरस दो भाइयों जिनका नाम [ बासित और अमजद फारूक अल्वी ] [ Basit and Amjad Farooq Alvi ] था और यह दो भाई पाकिस्तान में एक कंप्यूटर स्टोर चलाते थे।
COMPUTER VIRUS का जनक कौन है | Who is the father of computer virus?
COMPUTER वायरस का जनक [ Von Neumann’s ] को माना जाता है और यह स्व-प्रजनन कंप्यूटर के प्रोग्राम लिए (वॉन न्यूमैन) के डिजाइन को दुनिया का सबसे पहला कंप्यूटर वायरस माना गया है और वह उन्हें (Computer) वायरोलॉजी का सैद्धांतिक “पिता” माना जाता है इनके डिजाइन को दुनिया में सबसे पहला कंप्यूटर वायरस से जाना गया था।
वायरस का फुल फॉर्म हिंदी में क्या होता हैं | virus full form in hindi?
VIRUS का फुल फॉर्म हिंदी में | जब्त के तहत महत्वपूर्ण सूचना संसाधन | होता है Virus का meaning यह एक तरह का कोडिंग प्रोग्राम होता है जो इंसानों के द्वारा बनाया जाता है वायरस कंप्यूटर में है उसकी इंफॉर्मेशन यह कंप्यूटर का सारा डाटा चोरी करने और कंप्यूटर को पूरी तरह से खराब करने के कारणों से ही इंसानों द्वारा VIRUS बनाया जाता है।
जैसे एक इंसान में जैसे बायोलॉजिकल वायरस जैसे एचआईवी एड्स आ जाते हैं तो वह वायरस व्यक्ति के शरीर पर कब्जा करते हैं और शरीर के तंदुरुस्त सेल्स को नष्ट करना शुरू कर देते हैं।
➨ वी – जब्त के
➨ आई – तहत
➨ आर – महत्वपूर्ण
➨ यू – सूचना
➨ एस – संसाधन
जिससे व्यक्ति धीरे-धीरे वायरस की चपेट में आ जाता है और धीरे-धीरे व्यक्ति बीमार होने लगता है और इलाज ना होने पर मृत्यु हो जाती हैं और इसी तरह से कंप्यूटर वायरस भी होते हैं यह कंप्यूटर में जब आते हैं तब वह कंप्यूटर के अंदर अपनी बहुत सारी कॉपीज बना देते है।
और कंप्यूटर के महत्वपूर्ण फाइल कंप्यूटर की हार्ड ड्राइव कंप्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम और कंप्यूटर के अन्य सॉफ्टवेयर पर अटैक करता है और कंप्यूटर के सभी सिस्टम को खराब कर देता है।
जिससे कंप्यूटर काम करना बंद कर देता है और यह बायोलॉजिकल वायरस से मिलता-जुलता है इसलिए इसको कंप्यूटर वायरस का नाम दिया गया है।
VIRUS का फुल फॉर्म इंग्लिश में क्या होता हैं | virus full form in english?
VIRUS का फुल फॉर्म इंग्लिश में | Vital Information Resources Under Seize | होता है कंप्यूटर वायरस इंसानों के द्वारा बनाया गया एक कोडिंग प्रोग्राम होता है जो दूसरे कंप्यूटर से इंफॉर्मेशन को लीक करने या चोरी करने और कंप्यूटर के साथ छेड़छाड़ करने कंप्यूटर को खराब करने अन्य कारणों से यह वायरस डिजाइन किया जाता हैं।
➨ V – VITAL
➨ I – INFORMATION
➨ R – RESOURCES
➨ U – UNDER
➨ S – SEIZE
यह वायरस COMPUTER में जाते ही अपनी अनेकों कॉपीज बनाना शुरू कर देता है जिससे यह कंप्यूटर के ऑपरेटिंग सिस्टम हार्ड ड्राइव सॉफ्टवेयर पर अपना कब्जा करना शुरू कर देता है और धीरे-धीरे कंप्यूटर को अपनी चपेट में ले लेता है जिससे कंप्यूटर धीरे-धीरे काम करना बंद कर देता है और कंप्यूटर है पूरी तरह से खराब हो जाता है।
दोस्तों अभी हमने इंग्लिश भाषा में virus full form क्या होता है इसको अच्छे से जान और समझ लिया है चलिए अब आगे बढ़ते हैं और VIRUS के बारे में और जानकारी प्राप्त कर लेते हैं।
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COMPUTER वायरस कितने प्रकार के होते हैं | What are different types of virus?
जी हां VIRUS के प्रकार होते हैं वह कंप्यूटर को अलग-अलग तरीकों से खराब करते हैं और बता दें कि कंप्यूटर वायरस 9 प्रकार के होते हैं और कंप्यूटर वायरस के प्रकार निम्नलिखित में नीचे दिए गए हैं –
DIFFERENT TYPES OF VIRUS :
- BOOT SECTOR VIRUS
- WEB SCRIPTING VIRUS
- BROWSER HIJACKER
- RESIDENT VIRUS
- DIRECT ACTION VIRUS
- POLYMORPHIC VIRUS
- FILE INFECTOR VIRUS
- OVERWRITE VIRUS
- PARTITION TABLE VIRUS
BOOT SECTOR VIRUS
आप को बता दे की यह बूट सेक्टर वायरस एक कंप्यूटर वायरस होता है और वह जब आप अपना कंप्यूटर शुरू करते हैं और या आप कंप्यूटर बूट करते हैं तो इस प्रकार का वायरस नियंत्रण कर सकता है अर्थात कंप्यूटर पर अपना कंट्रोल कर सकता है अर्थात boot sector virus computer की हार्ड डिस्क और सारी फ्लॉपी डिस्क को भारी नुक्सान पहुंचा देता है।
और बता दे की इसका काम कंप्यूटर को boot होने से रोकना होता है और वह जब कभी भी computer को चालू करते है और तो boot sector virus कंप्यूटर के महत्वपूर्ण हिस्से ऑपरेटिंग सिस्टम को load होने में मुश्किल डालता है और वह इसके बाद मै फिर भी कंप्यूटर चालू हो जाता है।
और क्युकी boot sector virus computer के हार्डडिस्क में होता है और वह इसलिए ये कंप्यूटर के दूसरे सॉफ्टवेयर को बहुत नुक्सान पहुँचाता है इसलिए यह वायरस कंप्यूटर के लिए हानिकारक होता है।
WEB SCRIPTING VIRUS
बता दे की यह वायरस COMPUTER में वेब स्क्रिप्टिंग वायरस होता है और यह इस प्रकार का वायरस वेब ब्राउज़र और वेब पेज के कोड का शोषण करता है और जिससे वेब ब्राउज़र मैं आपकी की गई सर्च को लिक करता है।
या आपका डाटा चोरी करता है और आपका वेब ब्राउजर इस वायरस के कारण धीरे-धीरे (slow) कार्य करता है।
BROWSER HIJACKER
यह ब्राउज़र हाईजैक कर कंप्यूटर में आपके ब्राउज़र में यह वायरस आपके ब्राउज़र की गई सारी हिस्ट्री और आपकी सारी इंपॉर्टेंट इंफॉर्मेशन को लीक कर देता है अर्थात चोरी कर लेता है जिससे आपकी सारी ब्राउजरहिस्ट्री वायरस बनाने वाले के पास चली जाती है।
RESIDENT VIRUS
यह रेजिडेंस VIRUS कंप्यूटर का एक वायरस होता है और बता दे रेजिडेंट वायरस दो भागो में बंटा हुआ होता है जिसमें फ़ास्ट इंफेक्टर और स्लो इंफेक्टर आदि शामिल होते हैं और बता दे की फ़ास्ट इंफेक्टर में यह कंप्यूटर के सिस्टम को जल्दी से जल्दी नुकसान पहुँचाने की कोशिश करता है।
और इसके साथ वह जबकि दूसरा वायरस स्लो इंफेक्टर धीरे धीरे slow slow अपना कार्य करना शुरू करता है और इसके साथ यह फ़ास्ट इंफेक्टर वायरस को तो antivirus software बहुत आसानी से पता लगा लेता है।
और वह लेकिन स्लो इंफेक्टर कंप्यूटर वायरस को बहुत बार antivirus ढूँढ नहीं पाता है इसलिए यह वायरस कंप्यूटर को खराब करता है।
DIRECT ACTION VIRUS
यह VIRUS कंप्यूटर का वायरस होता है जिसको ड्राफ्ट एक्शन वायरस कहा जाता है इसके नाम से इसका कार्य भी होता है यह ड्राफ्ट कंप्यूटर में files ऑपरेटिंग सिस्टम हार्ड ड्राइव और कंप्यूटर के सभी सॉफ्टवेयर पर अटैक या हमला करता है और उनको खराब करने की क्षमता रखता है।
POLYMORPHIC VIRUS
यह VIRUS भी COMPUTER का वायरस होता है और स्कोर POLYMORPHIC VIRUS कहा जाता है और बता दे की यह वायरस अत्यंत खतरनाक virus होता है और इस वायरस की विशेषता यह है वह एक नहीं बल्कि यह बार बार अपनी पहचान को बदल लेता है।
और साथ ही वह इसे एंटीवायरस की मदद से ढूंढ पाना बेहद मुश्किल है कोई सामान्य एंटीवायरस इस वायरस को ढूंढ भी नहीं पाता है क्योकि हर बार यह अपना नाम और रूप को बहुत आसानी से बदल लेता है।
FILE INFECTOR VIRUS
बता दे की यह कंप्यूटर में फाइल infector वायरस होता है और साथ ही यह virus हार्डडिस्क मैं बहुत महत्वपूर्ण exe फाइल को बहुत नुकसान पहुंच जाता है और बता दें कि इस वायरस को इस लिए बनाया गया है इस वायरस से हार्डडिस्क में उपलब्ध फाइल को बहुत आसानी से खराब किया जा सके।
OVERWRITE VIRUS
बता दें कि यह COMPUTER वायरस ओवरराइट होता है और साथ ही इसका कार्य किसी फाइल को कभी भी डिलीट नहीं करता है और बता दे कि यह वायरस यह फाइल को पुरी तरह से खराब कर देता है और इसके साथ यह वायरस को फाइल से बहुत आसानी से बाहर नहीं निकाला जा सकता है।
और बता दें कि इस वायरस को निकालने का सिर्फ एक ही एकमात्र तरीका होता है कि उस फाइल को ही डिलीट कर दिया जाए जिसमें यह वायरस है।
PARTITION TABLE VIRUS
दोस्तों हम बता देे यह भी एक कंप्यूटर वायरस होता है और इसके साथ वायरस कंप्यूटर के महत्वपूर्ण PARTITION को बहुत ज्यादा नुकसान पहुँचता है और बता दे की यह virus हार्डडिस्क के data को किसी भी तरह का उसे नुक्सान नहीं पहुँचाता है और साथ ही कंप्यूटर मैं उसकी RAM की क्षमता को भी कम करता है।
COMPUTER में VIRUS कैसे आता है?
कंप्यूटर मैं वायरस का होना एक खतरे की घंटी होती है परंतु यह कोई नहीं चाहता कि उसके कंप्यूटर में किसी भी तरह का कोई वायरस हो परंतु फिर सवाल उठता है अगर कोई नहीं चाहता कि कंप्यूटर में वायरस ना हो तो फिर कंप्यूटर में वायरस कैसे आ जाता है तो हम आपको बता दें।
कि कुछ हमारी ही गलतियों से कंप्यूटर में वायरस आ जाता है कंप्यूटर में वायरस दो तरीकों से आता है एक ऑनलाइन तरीके से और दूसरा है ऑफलाइन तरीके से इन दोनों तरीकों को हम अच्छे से समझते हैं –
ऑनलाइन वायरस [ ONLINE VIRUS ]
ऑनलाइन वायरस आता है जब हम इंटरनेट पर ऑनलाइन सर्च करते समय कुछ ऐसी वेबसाइट पर जिस पर रीडायरेक्ट होते हैं जो वेबसाइट्स फालतू के एप्लीकेशन को देर तक डाउनलोड करने को कहती है और हम बिना सोचे समझे उन एप्लीकेशन को उस थर्ड पार्टी वेबसाइट से डाउनलोड कर लेते हैं।
और उन ऐप्स में या एप्लीकेशन में वायरस होता है जो कंप्यूटर में एप्लीकेशन इंस्टॉल होते हैं कंप्यूटर की स्पीड को धीमा कर देता है और धीरे धीरे कर कंप्यूटर में उसके ऑपरेटिंग सिस्टम तक फैल जाता है जिससे कंप्यूटर के काम करने की स्पीड कम हो जाती है और इस तरह से ईमेल के माध्यम से भी वायरस आ सकता है।
ऑफलाइन वायरस [ OFFLINE VIRUS ]
ऑफलाइन तरीके से VIRUS तब आता है जब हम एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में डाटा शेयर करते हैं तब एक कंप्यूटर में वायरस दूसरे कंप्यूटर में ट्रांसफर होकर उसकी हार्ड ड्राइव में चला जाता है जिससे हार्ड ड्राइव में है वह वायरस कंप्यूटर के अंदर अनेकों को कॉपीज बनाने लगता है जिससे वह कंप्यूटर में फैल जाता है।
और उसके बाद पेनड्राइव के माध्यम से भी वायरस आ सकता है अगर आप अपने कंप्यूटर में पेन ड्राइव का इस्तेमाल करते हैं अगर पेन ड्राइव में वायरस होगा तो वह आपके कंप्यूटर में भी आ जाएगा कंप्यूटर की कार्य करने की क्षमता पर असर पड़ेगा।
COMPUTER में VIRUS आ जाने से कंप्यूटर पर क्या प्रभाव पड़ता है?
कंप्यूटर में यदि VIRUS आ जाता है तो इससे कंप्यूटर की स्पीड पर बहुत बुरा असर पड़ता है और वायरस से कंप्यूटर का पूरा सिस्टम खराब होने की स्थिति बन जाती है कंप्यूटर में वायरस आ जाने से निम्नलिखित नीचे दिए गए प्रभाव पड़ते हैं जैसे –
कंप्यूटर सिस्टम पर वायरस के प्रभाव :
- COMPUTER में VIRUS आ जाने से वायरस कंप्यूटर का सारा डाटा नष्ट कर देता है।
- कंप्यूटर में वायरस कंप्यूटर की स्पीड को बहुत ज्यादा कम कर देता है जिससे कंप्यूटर के कार्य करने की क्षमता पर असर पड़ता है।
- कंप्यूटर में वायरस कंप्यूटर की गोपनीय डेटा को बाधित करता है जो कंप्यूटर के लिए खतरा साबित होता है।
- और इसके साथ कंप्यूटर में वायरस नेटवर्क संसाधनों को बाधित करता है इससे बहुत नुकसान प्रभाव पड़ता है।
- वायरस कंप्यूटर के नेटवर्क उपयोग करने के कार्य को रोक देता है जिससे कंप्यूटर नेटवर्क का प्रयोग नहीं कर सकता है।
- वायरस COMPUTER में कंप्यूटर सिस्टम की कॉन्फ़िगरेशन सेटिंग को संशोधित करता है जिससे कंप्यूटर की कार्य करने की क्षमता धीमी हो जाती है।
- कंप्यूटर में वायरस के कारण कंप्यूटर हैंग करने लगता है और कंप्यूटर की गति बहुत धीमी हो जाती है और कंप्यूटर को बूट करने में बहुत मुश्किल आती है अर्थात बुट करने में बहुत समय लगता है।
यह ऊपर दिए गए वायरस के प्रभाव है जब कंप्यूटर में वायरस आ जाता है तब यह सभी प्रभाव कंप्यूटर में दिखाई पड़ते हैं यदि आपके कंप्यूटर में वायरस है।
तब आप इन कारणों को जानकारी कंप्यूटर में वायरस होने की पहचान कर सकते हैं और कंप्यूटर में वायरस निकालने के लिए एंटीवायरस का इस्तेमाल कर सकते हैं।
अपने COMPUTER को VIRUS से कैसे बचाएं | How will you protect your computer from viruses?
कंप्यूटर को VIRUS से बचाने के लिए आप निम्नलिखित नीचे दिए गए सभी तरीकों को फॉलो करें तो आप अपने कंप्यूटर को वायरस से होने वाले खतरे से आसानी से बचा सकते हैं वह वायरस से बचाने के तरीके कुछ इस प्रकार है जैसे –
PROTECT YOUR COMPUTER FROM VIRUSES :
- कंप्यूटर को VIRUS से बचाने के लिए सबसे पहले आप एक एंटी-वायरस प्रोग्राम इंस्टॉल जरूर करें।
- और उसके बाद आप एंटी-स्पाइवेयर और एंटी-मैलवेयर प्रोग्राम को अपने कंप्यूटर मै इंस्टॉल करें।
- और सबसे ज्यादा जरूरी आप इंटरनेट पर संदिग्ध वेबसाइटों से बच कर रहे।
- और साथ ही आप अपने ईमेल अटैचमेंट की जांच किए बिना उन्हें कभी भी ना खोलें हमेशा अपने ईमेल अटैचमेंट की जांच जरूर करें।
- और उसके बाद आप जरूर स्वचालित स्कैन सेट करें यह बहुत जरूरी है।
- और साथ साथ आप अपने डाउनलोड देखें और ध्यान रखें कि आपने क्या क्या डाउनलोड किया है और क्या-क्या डाउनलोड नहीं किया है इसकी पूरी जांच करते रहे।
- और कंप्यूटर में वायरस से बचने का तरीका हमेशा आप कंप्यूटर को अपडेट करें, अपडेट करें, अपडेट करें और आप हमेशा जानकारी में रहें।
यदि आप ऊपर दिए गए सभी तरीकों को फॉलो करेंगे तो आपके कंप्यूटर में वायरस नहीं आ पाएगा और आपका कंप्यूटर पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा।
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भारत में पहला COMPUTER VIRUS कौन सा था | Which is the first computer virus in India?
दोस्तों यदि आप नहीं जानते तो हम आपको बता दें कि भारत में पहला कंप्यूटर VIRUS भगवती प्रसाद [ Bhagwati Prasad ] के द्वारा बनाया गया वायरस = 1970 में PC virus पहला था और बता दे की सन1986 में ब्रेन क्रिएटेड और पहला भारत मै वायरस = हैप्पी बी’डे मिस्टर जोशी था यह भारत में पहला कंप्यूटर वायरस था।
TOP 5 कंप्यूटर वायरस कौन से हैं | What are the top 5 computer viruses?
COMPUTER के Top 5 वायरस जो बहुत कंप्यूटर के सिस्टम के लिए हानिकारक होते हैं वह सभी वायरस निम्नलिखित में नीचे दिए गए हैं और वह वायरस कुछ इस प्रकार हैं जैसे –
TOP 5 COMPUTER VIRUSES :
- ILOVEYOU (मैं तुझ से प्यार करता हूँ)
- SQL Slammer (एसक्यूएल स्लैमर)
- Stuxnet (स्टक्सनेट)
- CryptoLocker (क्रिप्टो लॉकर)
- Conficker (कन्फिकर)
TOP 8 सबसे खतरनाक कंप्यूटर VIRUS कौन से हैं | What are the 8 most dangerous computer viruses?
COMPUTER के 8 सबसे खतरनाक वायरस वह इतिहास मै जो कंप्यूटर के सिस्टम को पूरी तरह से बर्बाद करने में सक्षम होते हैं वह निम्नलिखित में नीचे दिए गए हैं वह कुछ इस प्रकार है जैसे –
8 MOST DANGEROUS COMPUTER VIRUSES :
- Zeus – $3 बिलियन
- Sasser – $500 मिलियन
- Klez – $19.8 बिलियन
- ILOVEYOU – $15 बिलियन
- WannaCry – $4 बिलियन
- Code Red – 2.4 बिलियन डॉलर
- Slammer – 1.2 बिलियन डॉलर
- CryptoLocker – $665 मिलियन
नवीनतम कंप्यूटर VIRUS कौन से हैं | Which is latest computer virus?
COMPUTER के नवीनतम या लेटेस्ट वायरस की सूची निम्नलिखित में नीचे दी गई है और वह सभी वायरस कुछ इस प्रकार है जैसे –
LATEST COMPUTER VIRUSES :
- Cyborg Ransomware हम आपको बता दे यह कंप्यूटर वायरस को एड्स (Aids Info Disk Trojan) के रूप से भी जाना जाता है यह एक लेटेस्ट कंप्यूटर वायरस है।
- GoBrut (गोब्रत)
- Jokeroo (जोकेरू)
- Code Red (कोड रेड)
- Ransomware (रैनसमवेयर)
- Trojan Glupteba (ट्रोजन ग्लुप्टेबा)
- ILOVEYOU (मैं तुझ से प्यार करता हूँ)
- CryptoMix Clop (क्रिप्टोमिक्स क्लॉप)
- Thanatos Ransomware (थानाटोस रैंसमवेयर)
COMPUTER में सबसे मजबूत VIRUS कौन सा है | What is the strongest virus in computer?
कंप्यूटर में सबसे मजबूत वायरस का नाम [ ILOVEYOU ] (मैं तुझ से प्यार करता हूँ) यह है और बता देे की यह ILOVEYOU को अब तक बनाए गए सबसे खतरनाक कंप्यूटर के वायरस में से एक वायरस माना जाता है और साथ ही यह लगभग 10 बिलियन डॉलर के नुकसान के साथ पूरी दुनिया में कंप्यूटर सिस्टम पर कहर ढाने में कामयाब रहा।
अर्थात कंप्यूटर के सिस्टम को बर्बाद करने में प्रभावी रहा है और बता दे की यह माना जाता है कि दुनिया के 10% कंप्यूटर इस वायरस से संक्रमित है यह वायरस सबसे मजबूत और खतरनाक वायरस की श्रेणी में आता है।
ANTIVIRUS का पूर्ण रूप क्या होता है | full form of antivirus?
हम आप को बता दे की यह ANTIVIRUS सॉफ़्टवेयर या एक प्रोग्राम है या यह प्रोग्राम का सेट होता है और वह जो सॉफ़्टवेयर वायरस को रोकने के लिए और उसको खोजने, पता लगाने और हटाने के लिए डिज़ाइन किया गया है और इसके साथ वह और भी अन्य दुर्भावनापूर्ण सॉफ़्टवेयर जैसे।
वह ट्रोजन, एडवेयर, और बहुत कुछ कंप्यूटर वर्म्स और इसके साथ स्पाईवेयर वह बॉटनेट, रूटकिट, कीलॉगर्स और ऐसे मैलवेयर वायरस से बचाने के लिए इसको बनाया गया है या विकसित किया गया है और बता दे।
की यह किसी भी कंप्यूटर मैं एंटीवायरस प्रोग्राम से वायरस को स्कैन, पता लगाने और हटाने का कार्य करते हैं अर्थात एंटीवायरस कंप्यूटर में वायरस को हटाने के लिए प्रयोग किया जाता है।
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प्रथम ANTIVIRUS सॉफ़्टवेयर का नाम क्या था | What was the name of first antivirus software?
हम आप को बता दे की सबसे पहले एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का नाम मै तो कुछ लोग “The Reaper” को अब तक का लिखा गया सबसे पहला एंटीवायरस का एप्लीकेशन सॉफ़्टवेयर मानते हैं और इसके साथ मै यह मामला हो सकता है और परंतु लेकिन यह ध्यान रखना भी जरूरी है।
कि The Reaper वास्तव में यह एक वायरस ही था और वह की जिसको वह विशेष रूप से क्रीपर वायरस को हटाने के लिए ही बनाया गया था और बता दे की यह क्रीपर वायरस के बाद कई अन्य वायरस आए थे और इसीलिए (The Reaper) सबसे पहला एंटीवायरस सॉफ्टवेयर है।
ANTIVIRUS को उदाहरण से समझते है | What is Antivirus example?
दोस्तों हम आपको बता दें कि यह एक एंटी-वायरस सॉफ़्टवेयर आप के Computer के लिए सॉफ़्टवेयर होता है और इसका इस्तेमाल कंप्यूटर मै वायरस, वर्म्स और ट्रोजन हॉर्स सहित मैलवेयर को रोकने के लिए और इसका पता लगाने और निकालने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
और यह एक ANTIVIRUS सॉफ़्टवेयर के कुछ उदाहरण हैं जो इस प्रकार है जैसे : McAfee, Norton, और Kapersky इसके कुछ उदाहरण है।
सबसे अच्छा ANTIVIRUS सॉफ्टवेयर कौन सा है | What is best antivirus software?
सबसे अच्छा ANTIVIRUS सॉफ्टवेयर निम्नलिखित में नीचे दिए गए हैं यह सभी सॉफ्टवेयर आपके कंप्यूटर को वायरस से मुक्त करवाने में सक्षम है यह एंटीवायरस कुछ इस प्रकार है जैसे –
- Bitdefender Antivirus Plus (बिटडेफ़ेंडर एंटीवायरस प्लस)
- एकाधिक उपकरणों के लिए सर्वश्रेष्ठ (McAfee Antivirus Plus)
- विंडोज के लिए सर्वश्रेष्ठ (Norton 360 With LifeLock)
- मुफ्त में सर्वश्रेष्ठ (Kaspersky Free Antivirus)
- सर्वश्रेष्ठ प्रीमियम विकल्प (Trend Micro Antivirus+ Security)
- Mac के लिए सर्वश्रेष्ठ (Webroot SecureAnywhere for Mac)
यह ऊपर दिए गए सभी सबसे बेहतरीन एंटीवायरस एप्लीकेशन यहां सॉफ्टवेयर है जो हर तरह के वायरस से आपके कंप्यूटर को सुरक्षित रखने में सक्षम है।
क्या ANTIVIRUS आपके पीसी को धीमा कर देता है | Is antivirus slow down your PC?
दोस्तों हम आपको बता दें कि यह यदि आपके पास एक ही समय में एक से अधिक एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर चल रहे हैं या आप सभी का इस्तेमाल कर रहे हैं वह तो वे एक दूसरे के विरुद्ध कार्य कर सकते हैं और वह सभी कंप्यूटर को धीमा कर सकते हैं।
और बता दे की यह आमतौर पर तब होता है और वह जब लोगों के पास एक ज्यादा व्यापक एंटीवायरस प्रोग्राम के शीर्ष पर चलने वाला विंडोज डिफेंडर सॉफ़्टवेयर होता है और इसके साथ वह जिसे उन्होंने स्थापित किया है इसीलिए आपका पीसी धीमा हो जाता है।
कंप्यूटर को वायरस से बचाना क्यों जरूरी होता है | Why is it important to protect your computer from viruses?
यदि आप नहीं जानते तो हम आपको बता देंगे कंप्यूटर को वायरस से बचाना इसलिए जरूरी है यह जाने से पहले यह जान ले एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर आपके डिवाइस को वायरस से बचाता है और वह जो आपके डेटा को नष्ट कर सकता है और वह वायरस आपके कंप्यूटर डिवाइस को धीमा या क्रैश कर सकता है।
और वह या स्पैमर को आपके खाते के माध्यम से ईमेल भेजने की अनुमति देता है जैसे आपकी सारी इनफार्मेशन स्पैमर के पास चली जाती है और बता दे की एंटीवायरस सुरक्षा आपकी फ़ाइलों और आपके आने वाले ईमेल को वायरस के लिए स्कैन करती है।
और वह फिर कुछ भी दुर्भावनापूर्ण हटा देती है इसलिए वायरस से कंप्यूटर को बचाना बेहद जरूरी होता है नहीं तो कंप्यूटर सिस्टम पूरी तरह से खराब हो सकता है।
क्या फ्री ANTIVIRUS सुरक्षित होता है | Is free antivirus safe?
इस पर हम आपको बता दें कि मुफ्त एंटी-वायरस सॉफ़्टवेयर के जोखिम हो सकता है बता दे की यह नि:शुल्क एंटी-वायरस समाधान यह वह आम, ज्ञात कंप्यूटर वायरस से आपकी रक्षा जरूर करेंगे और यह हालाँकि और वह आपको अभी तक अज्ञात खतरों के प्रति संवेदनशील बना सकते हैं।
और बता दे की यदि आप Windows के लिए Kaspersky Free Anti-virus का चयन करते हैं और वह तो आपको हमारे भुगतान किए गए उत्पादों के समान एंटीवायरस से लाभ होगा इसलिए यदि आप फ्री में एंटीवायरस यूज करते हैं तो फ्री में भी एंटीवायरस का सही चयन करना बेहद जरूरी होता है।
ANTIVIRUS क्यों जरूरी है | Why is antivirus important?
दोस्तों यदि आप नहीं जानते तो हम आपको बता दें कि ANTIVIRUS बहुत जरूरी होता है क्योंकि यह कंप्यूटर में किसी भी तरह के वायरस को नहीं आने देता है और वह कंप्यूटर डिटेक्ट, प्रोटेक्ट, मॉनिटर, एक्सीलरेट, और भी बहुत कुछ एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर एक डेटा सुरक्षा उपयोगिता होता है।
और वह जो वायरस, स्पाइवेयर, मैलवेयर, रूटकिट, ट्रोजन, फ़िशिंग हमलों, स्पैम के हमले और अन्य तरह के ऑनलाइन से सुरक्षा के उद्देश्य से कंप्यूटर सिस्टम में स्थापित करता है।
इसके साथ साइबर धमकी और साइबर अटैक से कंप्यूटर सिस्टम की रक्षा करता है इसलिए एंटीवायरस बहुत जरूरी होता है एक कंप्यूटर के लिए यह उसको सुरक्षित करता है।
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ANTIVIRUS का उपयोग क्यों किया जाता है | Why is antivirus used?
दोस्तों ANTIVIRUS का प्रयोग या इस्तेमाल कंप्यूटर में कोई वायरस ना आ जाए इसलिए किया जाता है क्योंकि एंटीवायरस कंप्यूटर को पूरी तरह से कहकर उसमें वायरस के किसी भी कोड को रहने नहीं देता है और इसके साथ वह एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर आपके कंप्यूटर को मैलवेयर और साइबर अपराधियों से बचाने में भी मदद करता है।
और बता दे की यह एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर डेटा को देखता है जिसमे शामिल है वेब पेज, फ़ाइलें, सॉफ़्टवेयर, एप्लिकेशन और इसके साथ वह नेटवर्क पर आपके डिवाइस पर भी यात्रा करना और बता दे कि यह ज्ञात खतरों की खोज करता है।
और सभी कार्यक्रमों के व्यवहार की निगरानी भी करता है और यह संदिग्ध व्यवहार को चिह्नित करता है इसीलिए ANTIVIRUS का प्रयोग किया जाता है।
दोस्तों मुझे उम्मीद है कि VIRUS का full form क्या होता है और इसके अतिरिक्त VIRUS के विषय के बारे में उपरोक्त सारी जानकारी आपको अच्छे से प्राप्त हो गई होगी और जानकारी से सीखने को जरूर मिला होगा यदि आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी अच्छी लगी है और इस जानकारी से आपको सीखने को मिला हैं।
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