AIDS क्या हैं?AIDS का फुल फॉर्म क्या होता हैं? | aids full form | aids full form in hindi

AIDS का फुल फॉर्म क्या होता हैं जानें? 

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aids full form क्या होता हैं?

दोस्तों बहुत-बहुत स्वागत है आपका हमारी एक और नई खास इंटरेस्टिंग पोस्ट में दोस्तों आपने एड्स बीमारी का नाम तो जरूर सुना होगा एड्स के बारे में आपने बहुत सारी बातें सुनी होगी कि यह बीमारी बहुत भयंकर बीमारी है परंतु क्या आप जानते हैं एड्स क्या होता है और aids full form क्या होता है और इसके अतिरिक्त एड्स किन कारणों से फैलता है।


एड्स के लक्षण क्या-क्या होते हैं और एड्स से कैसे बच सकते हैं और एड्स का इलाज क्या होता है इन सभी सवालों का जवाब आज की इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको बताने वाले हैं आज की इस पोस्ट से आपको सीखने को जरूर मिलेगा।


आज हम आपको AIDS के विषय के बारे में स्पष्ट और संपूर्ण पूरी जानकारी देने वाले हैं तो कृपया आप पोस्ट पर शुरू से लेकर अंत तक बने रहे तो चलिए बिना किसी देरी के आज के इस पोस्ट को शुरू करते हैं।

एड्स क्या हैं | what is the full form of aids?

एड्स यह एक बीमारी होती है और AIDS का पूरा नाम | Acquired Immuno deficiency Syndrome | होता है एड्स बीमारी यह है HIV | Human Immunodeficiency Virus | के द्वारा व्यक्ति के शरीर में फैलती है यह बहुत खतरनाक वायरस होता है जो व्यक्ति के शरीर की टी कोशिकाओं और tissue को नष्ट कर देता है।


और जिससे एक व्यक्ति के शरीर में रोग प्रतिरोधक की क्षमता धीरे-धीरे खत्म हो जाती है अर्थात शरीर में रोग या बीमारी से लड़ने की शक्ति खत्म हो जाती है और इससे व्यक्ति को एक बार बीमारी पकड़ लेती है तो कई हफ्तों कई महीनों तक वह ठीक नहीं होता है इसलिए जब एचआईवी एड्स से संक्रमित व्यक्ति को यदि समय पर इलाज ना दिया जाए या इलाज ना करवाया जाए।


तो व्यक्ति की निश्चित रूप से मृत्यु भी हो सकती है और एचआईवी एड्स से संक्रमित व्यक्ति को स्पेशल ट्रीटमेंट से इलाज किया जाता है और आपको बता दें कि कई बार ऐसा भी होता है कि जिस व्यक्ति को एड्स है उसको एचआईवी एड्स के लक्षण नहीं दिखते हैं परंतु कुछ हफ्तों या कुछ महीनों बाद एड्स के लक्षण धीरे धीरे व्यक्ति को दिखने लगते हैं।


जैसे सिर में दर्द होना, बार बार बुखार आना जल्दी ठीक ना होना एड्स का असली लक्षण व्यक्ति के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह से नष्ट हो जाती है अर्थात व्यक्ति के शरीर त टी कोशिकाएं और टिशु नष्ट हो जाते हैं जिससे व्यक्ति के शरीर में रोगों या बीमारियों से लड़ने की शक्ति खत्म हो जाती है।


और वह व्यक्ति एड्स से संक्रमित होता है एड्स से संक्रमित लक्ष्मण को देखकर व्यक्ति को कभी भी अनदेखा नहीं करना चाहिए बल्कि जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाना चाहिए और AIDS का इलाज करवाना चाहिए क्योंकि अगर एड्स का समय पर इलाज ना हो तो व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है।

AIDS का फुल फॉर्म क्या होता हैं | full form of aids |

AIDS का फुल फॉर्म | Acquired Immuno deficiency Syndrome | होता है एड्स एक बीमारी है और यह HIV नामक वायरस से व्यक्ति के शरीर में फैलती है और भारत में पहली बार 3 साल पहले एड्स से संक्रमित व्यक्ति का मामला दर्ज किया गया था और एड्स को लेकर लोगों के बीच जानकारी ना होने के कारण एड्स से संक्रमित व्यक्तियों की संख्या बढ़ती जा रही है।


एक 2017 की रिपोर्ट के मुताबिक 2.1 Million से भी ज्यादा व्यक्ति एड्स से संक्रमित पाए गए हैं और यह संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है क्योंकि लोगों को इयर्स के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है और इसका जल्दी इलाज करना चाहिए।


एड्स के मुख्य लक्षण गले में खराश का होना, ग्रंथियों में सूजन आना, पेट बार-बार खराब होना, बार बार उल्टी आना, और सिर दर्द होना, बुखार आना कई दिन हफ्तों महीनों तक बुखार का ना उतरना यह सभी एचआईवी एड्स से संक्रमित व्यक्ति को लक्षण होते हैं ऐसी स्थिति में व्यक्ति को डॉक्टर के पास जाकर अपना इलाज शुरू करवाना चाहिए।


दोस्तों अब हमने aids ka full form क्या होता है इसको अच्छे से जान लिया है और समझ भी लिया है तो चलिए अब आगे बढ़ते हैं HIV के AIDS के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने लेते है।

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एड्स का फुल फॉर्म हिंदी में | full form of aids in hindi |

एड्स का फुल फॉर्म हिंदी में | एक्वायर्ड इम्यून डेफिसिएंसी सिंड्रोम | होता है AIDS का meaning अर्थात AIDS का मतलब | प्रतिरक्षा में कमी सिंड्रोम | होता हैं इसे उन्नत HIV संक्रमण या देर से होने वाली एचआईवी भी कहा जाता है और एड्स लक्षणों और बीमारियों का एक बड़ा समूह होता है और जो तब विकसित होता है।


जब एक उन्नत HIV संक्रमण ने प्रतिरक्षा प्रणाली को नष्ट कर दिया है अर्थात AIDS HIV वायरस के कारण होता है एचआईवी वायरस जब व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करता है।


ए – एक्वायर्ड

आई – इम्यून

डी – डेफिसिएंसी

एस –  सिंड्रोम


तब यह वायरस से शरीर में टी कोशिकाएं (T-CELL) और टिशू और शरीर की रोग बीमारी से प्रतिरोधक की क्षमता खत्म कर देता है और जिससे व्यक्ति को जब एक बार कोई बीमारी पकड़ लेती है।


तो कई महीनों कई सालों तक वह ठीक नहीं होती है इससे बहुत कमजोरी आ जाती है और AIDS हो जाता है और जल्दी इलाज ना मिलने पर व्यक्ति की तुरंत मौत भी हो जाती है।


दोस्तों अब हमने aids ka full form in hindi भाषा में है और अच्छी तरह से जान लिया है और समझ भी लिया तो चलिए अब इसके बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त कर लेते हैं।

AIDS का फुल फॉर्म इंग्लिश में | aids full form in english |

AIDS का फुल फॉर्म इंग्लिश में | Acquired Immuno deficiency Syndrome | होता है यह एक बीमारी होती है जो HIV वायरस का व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करने से होती है यह virus व्यक्ति के शरीर में उसकी कोशिकाएं और टिशू बीमारी से लड़ने की शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को पूरी तरह से नष्ट कर देता है जिससे यह एचआईवी वायरस शारीरिक रोग प्रतिरोधक क्षमता खत्म कर देता है जिससे यह वायरस के AIDS का रूप ले लेता है।


A – Acquired

I – Immuno

D – deficiency

S – Syndrome

 

एक बार बीमारी होने पर कई महीनों हफ्तों तक ठीक नहीं होती जिस से बहुत कमजोरी आती है और जिससे व्यक्ति के बार बार सिर दर्द होना, बार बार बुखार आना उल्टी, आना ग्रंथियों में सूजन आना, बार बार पेट खराब होना जैसे लक्षण होते हैं।


और समय पर इलाज ना मिलने पर एड्स से संक्रमित व्यक्ति की मौत हो जाती है इसलिए कभी भी अपने स्वास्थ्य को लेकर अनदेखा ना करें इनमें से कोई भी लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं और अपना इलाज शुरू करवाएं।


अब हमने इंग्लिश भाषा में aids ka full form kya hai है इसको अच्छे से जान लिया है तो चलिए अब हम AIDS के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त कर लेते हैं।

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AIDS का फुल फॉर्म पंजाबी में क्या होता है | aids full form in Punjabi?

AIDS का फुल फॉर्म PUNJABI में | ਐਕੁਇਰਡ ਇੰਮੁਨੋ ਦੀ ਘਾਟ ਸਿੰਡਰੋਮ | होता है यह एक बीमारी होती है जो एचआईवी संक्रमण के द्वारा होती है जिसको एचआईवी एड्स कहा जाता है HIV AIDS का इलाज वर्तमान समय में उपलब्ध नहीं है बल्कि HIV AIDS से ग्रसित रोगी को शुरुआती दिनों में चिकित्सक के द्वारा Medical दवाइयां के उपचार से संक्रमित ग्रसित रोगी की स्वास्थ हालत में सुधार किया जा सकता है।


H – ਐਕੁਇਰਡ

I – ਇੰਮੁਨੋ ਦੀ ਘਾਟ

V – ਸਿੰਡਰੋਮ


एचआईवी AIDS से ग्रसित रोगी को शुरुआती दिनों में मेडिकल उपचार की सहायता से बचाया जा सकता है और एचआईवी एड्स को के लक्षणों से पहचाना जा सकता है।


जैसे सिर में हल्का-हल्का सा दर्द रहना बार बार बुखार रहना, पेट खराब रहना, ग्रंथियों में सूजन आ जाना, बार बार उल्टी आना, चमड़ी के रोग इत्यादि एचआईवी से संक्रमित व्यक्ति को यह लक्षण होते हैं।


दोस्तों अब हमने हिंदी इंग्लिश और पंजाबी भाषा मै aids का full form name क्या है इसके बारे मै अच्छी तरह से जान लिया है अब एड्स के बारे मै और अधिक जानकारी प्राप्त कर लेते हैं।

HIV का फुल फॉर्म क्या होता है | hiv aids full form |

HIV का फुल फॉर्म | Human Immunodeficiency Virus | होता है और हिंदी में मानव रोगक्षमपयॉप्तता विषाणु होता है यह एचआईवी वायरस व्यक्ति के शरीर में दखल देखकर शरीर की कोशिकाएं टिशु और बीमारियों से लड़ने की शरीर की शक्ति अर्थात रोग प्रतिरोधक क्षमता को पूरी तरह से नष्ट कर देता है।


और जिससे व्यक्ति धीरे-धीरे कमजोर हो जाता है और बीमारियां उसके शरीर को अपना घर बना लेती हैं और एक बार व्यक्ति बीमार पड़ जाता है तो जल्दी ठीक नहीं होता है।


H – Human

I – Immunodeficiency

V – Virus


एच – मानव

आई – रोगक्षमपयॉप्तता

वी – विषाणु


और HIV वायरस के कारण ही एड्स का जन्म होता है और जल्दी इलाज ना मिलने पर व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है एड्स के लक्षण जैसे बार बार सिर दर्द होना जल्दी ठीक ना होना बुखार का आना जल्दी बुखार का ना उतरना त्वचा के रोग होना ग्रंथियों में सूजन आना उल्टी आना बार बार पेट खराब होना इत्यादि एड्स के लक्षण होते हैं तुरंत डॉक्टर से सलाह लेकर AIDS का इलाज करवाना चाहिए।


दोस्तों अब हमने hiv aids ka full form क्या होता है इसको भी अच्छे से जान लिया है और समझ लिया है तो चलिए अब हम AIDS के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेते हैं तो चलिए आगे बढ़ते हैं।

HIV AIDS के चरण क्या क्या होते हैं?

एचआईवी AIDS को खतरनाक बीमारी कहे तो यह गलत नहीं होगा क्योंकि एचआईवी एड्स से ग्रसित या संक्रमित ही रोगी को अगर समय पर इलाज ना दिया जाए तो उसकी मृत्यु हो जाती है।


एचआईवी दवाओं के उपचार के बिना एचआईवी संक्रमण चरणों में आगे बढ़ता है और एचआईवी एड्स को 3 चरणों में बांटा गया है वह तीन चरण कुछ इस प्रकार हैं।


  1. ACUTE HIV INFECTION
  2. CHRONIC HIV INFECTION
  3. ADS ADVANCED INFECTION

ACUTE HIV INFECTION

यह HIV इंफेक्शन या संक्रमण का सबसे पहला चरण होता है एचआईवी यह एक वायरस होता है और इस वायरस से ग्रसित व्यक्ति को इस एचआईवी संक्रमण के लक्षण तुरंत नहीं देखते हैं बल्कि संक्रमण होने की तीन या चार हफ्तों के बाद इसके लक्षण दिखने लगते हैं और यह ACUTE HIV INFECTION चरण कब शुरू होता है।


जब व्यक्ति में एचआईवी संक्रमण के लक्षण दिखाई देने लगते हैं और इससे पहले चरण को प्राथमिक एचआईवी संक्रमण या (acute retroviral syndrome) कहा जाता है और इस प्राथमिक एचआईवी संक्रमण के चरण में व्यक्ति स्वाइन फ्लू जैसी बीमारी के मुख्य लक्षण दिखाई देने लगते हैं।

CHRONIC HIV INFECTION

यह एचआईवी संक्रमण का दूसरा चरण होता है और इस चरण में व्यक्ति के शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली एचआईवी संक्रमण से हार जाती है और फ्लू जैसे लक्षण खत्म या गायब हो जाते हैं और अन्य तारा के लक्षण दिखने में कई कई महीने और कई साल लग जाते हैं।


और इस अवस्था में व्यक्ति के शरीर में एचआईवी वायरस बढ़ने लगता है और फिर यह वायरस व्यक्ति के शारीरिक की रोग बीमारी प्रतिरोधक क्षमता को धीरे-धीरे पूरी तरह से नष्ट कर देता है जिससे व्यक्ति को एक बार बीमारी पकड़ लेती है तो वह जल्दी ठीक नहीं होता है इससे व्यक्ति का शरीर कमजोर हो जाता है।


और व्यक्ति शारीरिक रूप और मानसिक रूप से अपने आप को कमजोर महसूस करने लगता है इसलिए यह संभावना हो जाती है कि आप किसी दूसरे को HIV पास कर सकते है तो इसीलिए अच्छा यह भी कहा परीक्षण सबसे महत्वपूर्ण होता है इस अवस्था में व्यक्ति धीरे-धीरे कमजोर होता जाता है।

ADS ADVANCED INFECTION
यह HIV संक्रमण का तीसरा चरण होता है इस चरण में अर्थात किस अवस्था में व्यक्ति के शरीर टी कोशिकाएं या CD4 T-CELL की संख्या 200 से भी कम हो जाती है और रोगी केशरी वीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता अर्थात बीमारियों से लड़ने की शक्ति अंदरुनी रूप से खत्म अर्थात नष्ट हो जाती है।

और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता खत्म होने के बाद व्यक्ति का शरीर कमजोर हो जाता है और उसको कई संक्रमण बीमारियों पकड़ लेती हैं और यह बीमारियां जल्दी ठीक नहीं होती हैं और व्यक्ति एड्स का शिकार हो जाता है इससे बचने के लिए एड्स के शुरुआती लक्षणों को पहचाने और तुरंत डॉक्टर की सलाह दें और अपना इलाज शुरू करवाएं।
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एचआईवी संक्रमण के कारण क्या क्या होते हैं?
HIV AIDS संक्रमण एक बीमारी होती है और यह बीमारी भी कई कारणों से होती है जी हां यह बीमारी कई कारणों से होती है आज हम आपको उन कारणों की बारे में स्पष्ट रूप से बताने वाले हैं और यह विशेष कारण कुछ इस प्रकार हैं।
➨ एचआईवी AIDS का सबसे पहला कारण एचआईवी एड्स संक्रमित व्यक्ति से बिना किसी सुरक्षा के संभोग करने से एचआईवी फैलता है।

➨ संक्रमित व्यक्ति के रक्त आदान द्वारा एचआईवी एड्स का मुख्य कारण होता है।

HIV AIDS से संक्रमित मां का अपने बच्चे तक जन्म के समय क्योंकि एचआईवी एड्स स्तनपान के द्वारा भी फैलता है।

➨ संक्रमित व्यक्ति से ओरल सेक्स के माध्यम से और लंबे समय तक चुंबन से एचआईवी संक्रमण का खतरा बनता है।

➨ और एचआईवी एड्स से ग्रसित व्यक्ति के द्वारा दान अंग प्राप्त के माध्यम से एचआईवी संक्रमण फैलता है।

➨ एचआईवी संक्रमण से ग्रसित व्यक्ति के ज्यादा नजदीक संपर्क में आने से एचआईवी एड्स होने कारण खतरा होता है।

AIDS के क्या-क्या लक्षण होते हैं | What are the symptoms of AIDS?
AIDS एक बीमारी है और जिसका समय पर इलाज ना मिलने पर व्यक्ति की तुरंत मौत हो जाती है लेकिन समय पर इलाज मिलने पर एड्स से संक्रमित व्यक्ति को बचाया जा सकता है समय पर इलाज तभी किया जा सकता है।

अगर समय पर ही एड्स के लक्षण को पहचान लिया जाए तो आज हम आपको एड्स के उन लक्षणों के बारे में बताने वाले हैं जो HIV AIDS के लक्षण होते हैं एड्स के लक्षण कुछ इस प्रकार हैं।
SYMPTOMS OF AIDS : 
➨ AIDS के लक्षणों में शामिल हो सकते हैं जैसे व्यक्ति का तेजी से वजन कम होना।

➨ बार बार आवर्ती बुखार का होना या विपुल रात पसीना आना।

➨ अत्यधिक और अस्पष्टीकृत थकान का होना।

➨ और सिर मै दर्द और कमर या गर्दन में लिम्फ ग्रंथियों की लम्बी सूजन।

➨ दस्त जो एक सप्ताह से अधिक समय तक रहता है यह एक विशेष कारण है।

➨ मुंह, गुदा या जननांगों के किनारे।

➨ और न्यूमोनिया होना।

➨ व्यक्ति का दिन प्रतिदिन कमजोर होना और बीमारी का एक बार पकड़ लेना और सही दिन हफ्ते महीनों तक ठीक ना होना।

यह सभी एचआईवी AIDS के लक्षण होते हैं और समय पर इन लक्षणों को जानकर एचआईवी एड्स का इलाज समय रहते हैं करवाया जाना चाहिए इससे एड्स से संक्रमित रोगी की जान बचाई जा सकती है।

इन लक्षणों को कभी भी अनदेखा नहीं करना चाहिए डॉक्टर के पास जाना चाहिए और एचआईवी एड्स का इलाज करवाना चाहिए।
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AIDS किन कारणों से नहीं फैलता है?
एचआईवी AIDS यह बीमारी है परंतु इसके बारे में को लेकर लोगों के अपने मन मुताबिक विचार और गलतफहमियां है आज उन गलतफहमीओं का खुलासा करेंगे की इनसे एचआईवी एड्स नहीं फैलता है वह गलतफहमियां कुछ इस प्रकार है।

➨ लोगों के यह विचार हैं कि एचआईवी से संक्रमित और HIV AIDS से ग्रसित व्यक्ति से हाथ मिलाने से एचआईवी एड्स फैलता है यह बिल्कुल गलत कथन है।

➨ और HIV AIDS संक्रमित व्यक्ति के साथ रहने से खाना खाने से फैलता है यह भी एक गलत कथन है इनसे एचआईवी एड्स नहीं फैलता है।

➨ और एक गलतफहमी एचआईवी एड्स से ग्रसित व्यक्ति के रसोई में बर्तन में खाना बनाने से यह सभी कथन गलत है एचआईवी एड्स कभी भी ऐसे नहीं फैलता है।

यह उपर के सभी कथन लोगों की गलतफहमियां है लोगों का मानना है कि एचआईवी एड्स से ग्रसित व्यक्ति के सोने से खाना खाने से साथ रहने से फैलता है परंतु यह सभी गलत हैं एचआईवी एड्स ना छूने से फैलता है और ना ही एचआईवी एड्स से ग्रसित व्यक्ति के साथ रहने से फैलता है।
HIV AIDS से कैसे बचा जा सकता हैं?
एचआईवी एड्स आज एक बहुत बड़ी समस्या बन गई है क्योंकि इसका कोई भी वर्तमान समय में इलाज उपलब्ध अर्थात में मौजूद नहीं है इसीलिए अपनी सुरक्षा अपने हाथ में होती है आपको अपनी सुरक्षा खुद करनी चाहिए और एचआईवी एड्स से बचना चाहिए तो जानते हैं एचआईवी एड्स से कैसे बचा जा सकता है।

➨ एचआईवी AIDS से बचने के लिए हैं आप अपने पार्टनर के प्रति वफादारी रहे और अपने पार्टनर के अलावा और किसी अन्य पर कभी भी यौन संबंध ना बनाएं।

➨ और जब दिया आपने पाटनर के साथ योन संबंध बनाए तो हमेशा प्रोडक्शन का इस्तेमाल जरूर करें अर्थात कंडोम का इस्तेमाल करें कंडोम के बिना कभी भी यौन संबंध ना बनाएं अपनी सुरक्षा खुद करें।

➨ यदि आप को यह लग रहा है कि आप HIV से ग्रसित है तो देर ना करें तुरंत डॉक्टर के पास जाएं और अपना पूरा चेकअप करवाएं और इलाज शुरू करवाएं ऐसी स्थिति में कभी भी आप अपने पार्टनर से योन संबंध ना बनाएं।

➨ बल्कि उसे सब कुछ सच बता दें अगर आपने ग्रसित होने के बाद भी अपने पार्टनर से यौन संबंध बना लिया तो आपका पार्टनर को भी एचआईवी संक्रमण का खतरा होगा और आपकी होने वाली संतान भी एचआईवी संक्रमण से ग्रसित होगी।

➨ यदि आप एचआईवी से ग्रसित है तो कभी भी रक्तदान ना करें क्योंकि आपके रक्त के माध्यम से एचआईवी किसी और को हो सकता है।

➨ यदि आप किसी का रक्त ग्रहण कर रहे है तो सबसे पहले उससे व्यक्ति का रक्त एचआईवी एड्स परीक्षण करने को कहें उसके बाद ही आप रखते ग्रहण करें।

➨ यदि आपको बार बार सिर में दर्द और पेट का खराब रहना उल्टी आना ग्रंथियों में सूजन होना चमड़ी का रोग बार बार बुखार आना और कई महीनों तक बुखार का ना उतरना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

➨ तो आपको बिना किसी देरी के तुरंत एचआईवी एड्स परीक्षण करवाना चाहिए और डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए और अपना इलाज शुरू करवाना चाहिए क्योंकि एक रिपोर्ट के मुताबिक एचआईवी एड्स के कीटाणु 3 या 6 महीने में परीक्षण करवाने पर भी पता नहीं चलता है।

➨ इसीलिए यदि आपको कोई एचआईवी एड्स का लक्षण दिखाई देता है तो आप डॉक्टर के पास में परीक्षण करवाएं और एचआईवी एड्स को शुरुआती दिनों में ही रोका जा सकता है एड्स के मामले में कभी भी लापरवाही ना बरतें इसीलिए सावधान रहें सुरक्षित रहें।
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AIDS का इलाज क्या है?
HIV AIDS आज के समय अर्थात वर्तमान समय में बहुत बड़ी समस्या बन गई है क्योंकि इस बीमारी से ग्रसित व्यक्तियों की गिनती दिन प्रतिदिन साल प्रति साल बढ़ती जा रही है परंतु एचआईवी एड्स का कोई भी इलाज़ अभी तक नहीं मिला है।

अर्थात एड्स का कोई भी इलाज उपलब्ध नहीं है परंतु एचआईवी से ग्रसित व्यक्ति कि ज्यादा बिगड़ती हुई हार्दिक हो कुछ हद तक उपचार की सहायता से रोका जा सकता है जिससे संक्रमित व्यक्ति ज्यादा लंबे समय तक जीने का अवसर प्रदान किया जा सकता है।

और इससे सबसे प्रभावी उपचार विकसित किए गए हैं जॉब एड्स संक्रमित रोगियों को सम्मान में स्वास्थ्य और उसके जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं और कई बड़े बड़े आंकड़ों का अध्ययन करने के बाद सीडीसी ने यह महत्वपूर्ण निष्कर्ष निकाला है।

जिन व्यक्तियों के पास वायरल लोड पता लगाने के लिए नहीं है उन व्यक्तियों मैं प्रभावी रूप में एचआईवी नकारात्मक वायरस का यौन संचारित करने का कोई जोखिम नहीं होता है।
एचआईवी आपातकालीन गोलियां?
HIV AIDS एक बीमारी है यदि किसी व्यक्ति को अपने आप में यह लग रहा है कि वह एचआईवी वारिस के संपर्क में आ गया है तो उस व्यक्ति को बिना किसी देरी के डॉक्टर के पास जाना चाहिए और अपना चेकअप करवाना चाहिए।

और शुरुआती दौर में इस वायरस को रोकने के लिए डॉक्टर से anti-hiv दवाई जिसको post exposure prophylaxis मेडिसन भी कहा जाता है यह दवाई शुरुआती दौर में वायरस को रोकने और खत्म करने में सक्षम होती है और इसके तुरंत बाद जितनी जल्दी हो सके आपको PEP लेनी है।

जी हां आप को PEP यह 28 दिन चलने वाला एक बेहतरीन उपचारों में से एक उपचार है और डॉक्टरी उपचार होने के बाद आप एचआईवी एड्स की जांच जरूर करवाएं।
एचआईवी एंटीरेट्रोवायरल दवाएं?
HIV AIDS के लिए एचआईवी एंटीरेट्रोवायरल दवाई इलाज करने में सक्षम होती है यह दवाई एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के शरीर में एचआईवी वायरस से लड़ती है और वायरस को शरीर में फैलने से रोकती है और वायरस की गति को बिल्कुल धीमा कर देती है।

जिससे रोगी वायरस की शरीर में तेजी से फैलने की गति को रोका जा सकता है समय रहते शुरुआती दौर में व्यक्ति के शरीर में एचआईवी वायरस फैलने से रोकने के लिए एंटीरेट्रोवायरल दवाई HIV रोकने के लिए यह एक बेहतरीन उपचार है जिन से रोगी की जान बचाई जा सकती है।
एचआईवी वैकल्पिक चिकित्सा?
एचआईवी AIDS की बीमारी जिन लोगों को होती है हालांकि ऐसा बहुत बार देखा गया है कि जिन लोगों को एड्स होता है वह वैकल्पिक हर्बल आयुर्वेदिक विकल्प नुस्खे दवाइयां का इस्तेमाल एचआईवी एड्स के उपचार के लिए करते हैं।

इन उपचारों से उनके एचआईवी एड्स से ठीक होने के प्रमाण की पुष्टि नहीं करता है और कुछ अध्ययनों के मुताबिक विटामिन की दवाइयां स्वास्थ्य को बहुत लाभ प्रदान कर सकती है इस परिस्थिति में डॉक्टर करो इन सभी के बारे में बताना और डॉक्टर की सलाह लेना यह सबसे महत्वपूर्ण होता है।

दोस्तों मुझे उम्मीद है कि AIDS का full form क्या होता है और HIV AIDS के अतिरिक्त सारी जानकारी आपको अच्छे से प्राप्त हो गई होगी और इस जानकारी से आपको सीखने को जरूर मिला होगा यदि आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी अच्छे लगी है।

और इस जानकारी से आपको कुछ नया सीखने को मिला है तो कृपया आप हमें कमेंट के माध्यम से कमेंट करके जरूर बताएं क्योंकि आपका एक एक कमेंट हमारे लिए बहुमूल्य है कृपया कमेंट जरूर करें और पोस्ट को शुरू से लेकर अंत तक पढ़ते रहने के लिए आपका दिल से धन्यवाद।

दोस्तों यह aids full form पोस्ट अगर आपको हमारी जानकारी अच्छी लगी है तो आप कॉमेंट करके हमें जरूर बताएं और इसे अपने दोस्तो के साथ शेयर जरूर करें और आप हमें फ़ॉलो करना बिलकुल ना भूलें आप हमें फ़ॉलो जरूर करें।Thanks!

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